पवित्रीकरण मंत्र
ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोपिवा। य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स: बाह्यात् भ्यन्तर: शुचि: ।।
शुद्धिकरण या पवित्रीकरण के लिए सर्वप्रथम अपने दाहिने हाथ में जल लें, तत्पश्चात शुद्ध मन से सही उच्चारण में इस मन्त्र को पढ़ें और इसी क्रम में हाथ के जल को अपने ऊपर छीटें।