संकल्प मंत्र का जाप Sankalp Mantra in Hindi सरल संस्कृत में

हमारे हिंदू धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक किसी भी प्रकार की पूजा पाठ करने से पहले संकल्प मंत्र किया जाना बेहद आवश्यक होता है ऐसा कहा जाता है कि जिस पूजा से पहले संकल्प मंत्र नहीं किया जाता है वह पूजा अधूरी मानी जाती है. 


 संकल्प लेते समय अपने दाहिनेहाथ में पान के पत्ते सुपारी , अक्षत , पुष्प , दक्षिणा और जल को लेकर संकल्प मंत्र को पढ़ना है। 

ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णु:, ॐ अद्य  ब्रह्मणोऽह्नि द्वितीय परार्धे श्री श्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरे, अष्टाविंशतितमे कलियुगे, कलिप्रथम चरणे जम्बूद्वीपे भरतखण्डे भारतवर्षे पुण्य (अपने नगर/गांव का नाम लें) क्षेत्रे बौद्धावतारे वीर विक्रमादित्यनृपते : 2071, तमेऽब्दे प्लवंग नाम संवत्सरे दक्षिणायने ……. ऋतो महामंगल्यप्रदे मासानां मासोत्तमे ……. मासे …… पक्षे …….. तिथौ ……. वासरे  (गोत्र का नाम लें) गोत्रोत्पन्नोऽहं अमुकनामा (अपना नाम लें) सकलपापक्षयपूर्वकं सर्वारिष्ट शांतिनिमित्तं सर्वमंगलकामनया- श्रुतिस्मृत्योक्तफलप्राप्त्यर्थं मनेप्सित कार्य सिद्धयर्थं श्री ……….. (जिस देवी.देवता की पूजा कर रहे हैं उनका नाम ले)पूजनं च अहं क​रिष्ये। तत्पूर्वागंत्वेन ​निर्विघ्नतापूर्वक कार्य ​सिद्धयर्थं  यथा​मिलितोपचारे गणप​ति पूजनं क​रिष्ये।


संकल्प मंत्र बोलने के बाद हाथ की सारी सामग्री नीचे छोड़ दें।

नोट : -
अमुक स्थाने – कार्य का स्थान
अमुक संवत्सरे – संवत्सर का नाम
अमुक अयने – उत्तरायन/दक्षिणायन
अमुक ऋतौ – वसंत आदि छह ऋतु हैं
अमुक मासे – चैत्र आदि 12 मास हैं
अमुक पक्षे – पक्ष का नाम (शुक्ल या कृष्ण पक्ष)
अमुक तिथौ – तिथि का नाम
अमुक वासरे – दिन का नाम
अमुक समये – दिन में कौन सा समय