यज्ञोपवीत मंत्र - जनेउ मंत्र - Yagyopavit Mantra
सनातन परंपरा में 'यज्ञोपवीत' एक महत्वपूर्ण संस्कार है। सूत से बने 'यज्ञोपवीत' या फिर कहें जनेऊ में पवित्र तीन धागे ब्रह्मा, विष्णु और महेश के प्रतीक होते हैं। जनेऊ कब, किस विधि और मंत्र के साथ धारण करना चाहिए।
वाजसनेयी यज्ञोपवीत मंत्रॐ यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं प्रजापतेर्यत्सहजं पुरस्तात्।
आयुष्यमग्रयं प्रतिमुञ्च शुभ्रं यज्ञोपवीतं बलमस्तु तेजः।।
ॐ यज्ञोपवीतमसि यज्ञस्य त्वोपवीतेनोपनह्यामि।
ॐ एतावद्दिनपर्यन्तं ब्रह्म त्वं धारितं मया।
जीर्णत्वात्तवत्परित्यागो गच्छ सूत्र यथासुखम।।